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सागर-प्रेम / निज़ार क़ब्बानी

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मैं तुम्हारा समुद्र हूँ
मुझसे मत पूछो
आगामी यात्राओं की समय सारणी के बारे में ।

तुम्हें वही करना है जो है तुम्हारी फितरत
भूल जाओ दुनियावी आदतों को
पालन करों सामुद्रिक नियमावली का ।

मेरे भीतर धँस जाओ एक पाग़ल मछली की तरह
टुकड़े-टुकड़े कर दो
मेरे जलयान के
क्षितिज के
मेरे जीवन के
छिन्न-भिन्न कर बिखेर दो मेरा अस्तित्व ।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : सिद्धेश्वर सिंह