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भंवरो / कन्हैया लाल सेठिया

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अठै कंवळ सर कठै भोळिया
भंवरा तूं भरमायो
हुयो पून री सौरम लारै
बांस बनां में आयो।

फळ फूलां रो काम नहीं कीं
पान पान रो तोड़ो,
करै बेझ रस पीवण तांई
पड़सी छेकड़ फोड़ो,

चेतो कर, रसियां रै कुळ में
तूं लाड़ेसर जायो,
अठै कंवळ सर कठै भोळिया
भंवरा तूं भरमायो,

ऊंचै कुळ रै गरब भरीजी
बांसां री बणराई,
खावै रगड़ ऊपडै़ खीरा
अठै किसी पहुणांई ?

मन रै हेम मिरघलै लारै
काळै कोसां आयो,
अठै कंवल सर कठै भोळिया
भंवरा तूं भरमायो,

भणण भणण के करै बावळा
अंतर अणहद बाजै,
भंवरी हुई उदास भोग रै
वसीभूत तू भाजै,

कौडी बदळै घणो अमोलक-
हीरो जलम गंवायो,
अठै कंवळ सर कठै भोळिया
भंवरा तूं भरमायो।