Last modified on 16 जून 2014, at 23:11

बादळियो / कन्हैया लाल सेठिया

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:11, 16 जून 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कन्हैया लाल सेठिया |संग्रह=मींझर ...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

सूरज रै सोनै रो भूखो
समदरियै रो खार,
मन मीठो कर बादळियो बण
जा पूग्यो गिगनार,

खाई चुगली पून, कोरड़ो-
बिजली रो कर त्याग,
कूटण लाग्यो सूरज-
ढळकी आंसूड़ा री धार,

काढ़ धर्यो चुपचाप बापड़ो
राम धणख रो हार,
लाजां मरतो गल्यो ज्णां ही
छेकड़ छूटी लार।