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अस उतपाती छोरा / संजय चतुर्वेद

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हम अघोर मन बिकट अघोरा,
कायनात मधुकरी बिखेरै लिए हाथ में बोरा
पंगत में बिचार बड़बोला मारै धनुसटकोरा
सुरबिधान बादी प्रातिबादी हर हरकत पै डोरा
सब सिन्गार भए बेमतलब अस उतपाती छोरा ।