Last modified on 30 जून 2014, at 04:22

झील / प्रेमशंकर शुक्ल

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 04:22, 30 जून 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रेमशंकर शुक्ल |अनुवादक= |संग्रह...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

झील
एक आकाँक्षा है
जिसमें पानी का भाव
लहराता रहता है

समय की घाटी में
बड़ी झील
राजा भोज की जयगाथा है


बहुत तरफ़ से बहते पानी को
मुकाम देती हुई बड़ी झील
अपने एक नाम में
भोजताल है

इस तरह --
भोपाल के नामकरण में
बड़ी झील का ही पानी लगा हुआ है