मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
जीमथु आजु जनक जी के आँगन दशरथ अवधबिहारी जी
सगर जेमन सुर-नर किन्नर होय मधुर सुर गारी जी
छप्पन भोग छत्तीसो व्यंजन विविध भांति तरकारी जी
सुख सरसत सबरस जेमथु आनन्द चहुदिस भारी जी
कत गुण गाउ सखी समधिन केर अवधक नारि छिनारी जी
कनेक खीर पर राजी होइ छथि कामविवश महतारी जी