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छह / प्रमोद कुमार शर्मा

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सबद जोगी है
बजावै भांत-भांत सूं बीण
निरत् करावै सिव नैं
-पिव नैं
उजागर कर द्यै आंख्यां साम्हीं
आप ई बणज्यै सांप
-आप ही बांबी।