Last modified on 3 जुलाई 2014, at 23:02

सोळै / प्रमोद कुमार शर्मा

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:02, 3 जुलाई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रमोद कुमार शर्मा |संग्रह=कारो / ...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

सबद रोवै
-खोवै आपो
उण वेळा सुणै ईसर
सुरता नैं धीजो बंधावै

म्हारी भाखा भी
गणगौर बणी रुळै है गळियां
ईसर कठै सूं आवै

क्यूंकै
ईसर ही तो द्वंद् है
इण नाजोगी भाखा रो
सै सूं मोटो बंध है

ओ टूटै
तो पाप पुरबला
-भाखा धोवै।