Last modified on 3 जुलाई 2014, at 23:09

तीस / प्रमोद कुमार शर्मा

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:09, 3 जुलाई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रमोद कुमार शर्मा |संग्रह=कारो / ...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

अड़ंगो है
बडो भारी पंगो है-
सबद रै रचाव मांय
भाखा रै ब्याव मांय-
बींद नंगो है
बीं रा गाभा किणी उतार लिया
खोसली पगड़ी अर कलंगी छुर्रेवाळी
वो करै राम-राम
बगत
-बेढंगो है
बडो भारी पंगो है।