Last modified on 3 जुलाई 2014, at 23:15

इकताळीस / प्रमोद कुमार शर्मा

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:15, 3 जुलाई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रमोद कुमार शर्मा |संग्रह=कारो / ...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

कमेड़ी भी के कम है
बीं रै भी तो गम है
मेटण चौरासी रा फांसो
बा करै सबद में सांसो
दिनुगै पैली कुरळावै
कदै प्रळय रै दूत / नूह री याद दिरावै
हाय कमेड़ी तूं कितरी जूनी है
पछै भी मायड़ भाखा सूनी है।