आंधो बन्नो सुथार भलो हो
जको घड़ दी माता करणी री मूरत
-सूरत
देख लीवी काळी रात्यां मांय
सोध लियो तत् मायड़ री बात्यां मांय
पण अबै सुजाखां नैं भी मां नीं दिस्सै
भाखा री दीठ पूगगी किसै हिस्सै
नाचै अर नचावै
-आ जूरत!
आंधो बन्नो सुथार भलो हो
जको घड़ दी माता करणी री मूरत
-सूरत
देख लीवी काळी रात्यां मांय
सोध लियो तत् मायड़ री बात्यां मांय
पण अबै सुजाखां नैं भी मां नीं दिस्सै
भाखा री दीठ पूगगी किसै हिस्सै
नाचै अर नचावै
-आ जूरत!