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चौपन / प्रमोद कुमार शर्मा

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म्हैं रोयो कै तूं
पण कोई रोयो जरूर है
सबद रै आंगणै
कीं न कीं होयो जरूर है

कविता है 'का कहाणी
'किसान' बीज बोयो जरूर है।
(साथी कवि रामस्वरूप 'किसान' नैं समरपित)