टाबरी किण विध पाळसी मां
गा तो व्हीर हुयगी भाखा री विदेस
खड़ी है फारम हाऊसां मांय
-करै ऐश।
भूल-भालगी बा मांड वाळो देस
जठै अजै भी सबद कळपै है
पण कुण बीं नैं हळफै है
अबकै भाखा रै अंधारै ऊभी
घणी साळसी मां!
टाबरी किण विध पाळसी मां
गा तो व्हीर हुयगी भाखा री विदेस
खड़ी है फारम हाऊसां मांय
-करै ऐश।
भूल-भालगी बा मांड वाळो देस
जठै अजै भी सबद कळपै है
पण कुण बीं नैं हळफै है
अबकै भाखा रै अंधारै ऊभी
घणी साळसी मां!