Last modified on 4 जुलाई 2014, at 06:43

बारह / प्रमोद कुमार शर्मा

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 06:43, 4 जुलाई 2014 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

बडो ई निरमळ है
-कमळ है
स्यांत झील रो, तिरै हंसा री चाल
सबद सांवरो है, नित रा करै कमाल

सरणा हूज्या रे मना!
-काळ करै सवाल
सुरता नैं साधलै
सबद साचो
-अमल है।
-कमल है।