सबद सराय है
जिणरै मांय साच रो वास हुवै
गम हुवै बेगम रो अर परकास हुवै
सावधान :
बजार ऊभो है
झूठ भी कदास हुवै
पण ख्यांत राखी :
पीढै ऊपर बैठी
मां भाखा नीं कदै
....उदास हुवै।
सबद सराय है
जिणरै मांय साच रो वास हुवै
गम हुवै बेगम रो अर परकास हुवै
सावधान :
बजार ऊभो है
झूठ भी कदास हुवै
पण ख्यांत राखी :
पीढै ऊपर बैठी
मां भाखा नीं कदै
....उदास हुवै।