Last modified on 4 जुलाई 2014, at 06:47

छब्बीस / प्रमोद कुमार शर्मा

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 06:47, 4 जुलाई 2014 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

सबद हुवणो चाइजै
भाई शंकरसिंह राजपुरोहित जैड़ो
-छैड़ौ
छोडै ई नीं भाई हथाई रो
बडो खयाल राखै भाखा री भरपाई रो
भाखा मांय जीवै
भाखा मांय मरै-
बादस्याह खुद है आपरी कमाई रो

बीं री आंगळियां थाणैदारणी
गळी मांय सबदां री
लगाती रैवै गेड़ो
सबद हुवणो चाइजै
भाई शंकरसिंह राजपुरोहित जैड़ो!
(भाई शंकरसिंह राजपुरोहित नैं कम्प्यूटर पर काम करतो देख्यां पछै)