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पैंतीस / प्रमोद कुमार शर्मा

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बडां-बडां अलाप्यो है
-जाप्यो है
सबद नैं जापायत दांई
जद जाय'र बो इमरत बणै
निसतर समझल्यो
आखरां बिचाळै विष
-दाब्यो है।
(रेडियो पर शास्त्रीय संगीत सुणतां थकां)