कुण सुणै है भाई
क्यूं अलापै है राग
-जाग!
अब तो सोच कठै खड़्यो है
अरे म्हारी सुरता रा माणसिया!
सबद अंधारै मांय पड़्यो है।
कुण सुणै है भाई
क्यूं अलापै है राग
-जाग!
अब तो सोच कठै खड़्यो है
अरे म्हारी सुरता रा माणसिया!
सबद अंधारै मांय पड़्यो है।