चिड़ी, अे चिड़ी!
सबद मांय कीड़ी
बण'र चालूं हूं राह-राह
तूं निगैदास्ती राखी
कीं सबद मुंडेरा ऊपर सूं
म्हारै आंगणै न्हांखी
अंधारै मांय सबद रै
सिळगाऊं हूं
-बीड़ी।
चिड़ी, अे चिड़ी!
सबद मांय कीड़ी
बण'र चालूं हूं राह-राह
तूं निगैदास्ती राखी
कीं सबद मुंडेरा ऊपर सूं
म्हारै आंगणै न्हांखी
अंधारै मांय सबद रै
सिळगाऊं हूं
-बीड़ी।