Last modified on 4 जुलाई 2014, at 07:10

पिच्चासी / प्रमोद कुमार शर्मा

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 07:10, 4 जुलाई 2014 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

थे जाणो कोनी
पिछाणो कोनी
अजगर नैं
क्यूंकै देख्यो कोनी सांप्रतै

पण :
अबकै बो भाखा रै भेख मांय है
संभाळो! संभाळो!! गोथळी संवेदन री
भाखा री लड़ाई लेख मांय है