Last modified on 21 जुलाई 2014, at 21:01

वर्षगाँठ / दिलीप चित्रे

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:01, 21 जुलाई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दिलीप चित्रे |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KK...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

डेविड के लिए

(डेविड मेरे मित्र जॉन डेविड मोर्ले का नाम है। वे म्यूनिख़ के एक उपनगर लोछम में रहने वाले आत्मनिर्वासित ब्रिटिश उपन्यासकार हैं। उसी एस-बाह्न लाइन के स्ट्रानबर्ग झील किनारे फ़ेल्डफ़िंग में विला वॉल्डबेर्टा में मैं एक रेजिडेन्ट के तौर पर रहा करता था।)

हमारा सम्पर्क आख़िर छूट गया, है न ?
हम कहाँ थे ? मुझे तुम याद हो
लोछम स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर
मुझे और वीजू को दूर से हाथ हिलाते
अब समझ पाया मैं कि हम
खोए हुए शरणार्थियों के जोड़े लगते थे

तुम्हारा शीशे-और-काठ का घर
जादुई लगता था पतझड़ के बाद
दिन की हल्की स्याह रोशनी में
बवारिया में हम किसी और के लिखे में
बस शब्दों से थे
अगर यही अर्थ है शरणार्थी होने का तो