नीरजा
रचनाकार | महादेवी वर्मा |
---|---|
प्रकाशक | लोकभारती प्रकाशन |
वर्ष | मार्च ०४, २००४ |
भाषा | हिन्दी |
विषय | कविता संग्रह |
विधा | गीत |
पृष्ठ | 110 |
ISBN | |
विविध | यह महादेवी वर्मा जी का तीसरा प्रकाशित काव्य संग्रह है |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- प्रिय इन नयनों का अश्रु-नीर! / महादेवी वर्मा
- धीरे धीरे उतर क्षितिज से / महादेवी वर्मा
- पुलक पुलक उर, सिहर सिहर तन / महादेवी वर्मा
- तुम्हें बाँध पाती सपने में! / महादेवी वर्मा
- आज क्यों तेरी वीणा मौन? / महादेवी वर्मा
- श्रृंगार कर ले री सजनि! / महादेवी वर्मा
- कौन तुम मेरे हृदय में? / महादेवी वर्मा
- ओ पागल संसार! / महादेवी वर्मा
- विरह का जलजात जीवन / महादेवी वर्मा
- बीन भी हूँ मैं तुम्हारी रागिनी भी हूँ! / महादेवी वर्मा
- रुपसि तेरा घन-केश पाश! / महादेवी वर्मा
- तुम मुझमें प्रिय, फिर परिचय क्या! / महादेवी वर्मा
- बताता जा रे अभिमानी! / महादेवी वर्मा
- मधुर-मधुर मेरे दीपक जल! / महादेवी वर्मा
- पथ देख बिता दी रैन / महादेवी वर्मा
- मैं बनी मधुमास आली! / महादेवी वर्मा
- तेरी सुधि बिन क्षण क्षण सूना / महादेवी वर्मा
- दीपक में पतंग जलता क्यों? / महादेवी वर्मा
- उर तिमिरमय घर तिमिरमय / महादेवी वर्मा
- मुखर पिक हौले बोल / महादेवी वर्मा
- मेरे हँसते अधर नहीं जग / महादेवी वर्मा
- इस जादूगरनी वीणा पर / महादेवी वर्मा
- घन बनूँ वर दो मुझे प्रिय / महादेवी वर्मा
- आ मेरी चिर मिलन-यामिनी / महादेवी वर्मा
- जग ओ मुरली की मतवाली / महादेवी वर्मा
- कैसे सँदेश प्रिय पहुँचाती / महादेवी वर्मा
- मैं मतवाली इधर / महादेवी वर्मा
- तुमको क्या देखूँ चिर नूतन / महादेवी वर्मा
- प्रिय गया है लौट रात / महादेवी वर्मा
- एक बार आओ इस पथ से / महादेवी वर्मा
- क्यों जग कहता मतवाली? / महादेवी वर्मा
- जाने किसकी स्मित रूम-झूम / महादेवी वर्मा
- टूट गया वह दर्पण निर्मम / महादेवी वर्मा
- ओ विभावरी / महादेवी वर्मा
- प्रिय जिसने दुख पाला हो / महादेवी वर्मा
- आँसू का मोल न लूँगी मैं / महादेवी वर्मा
- कमल दल पर किरण अंकित / महादेवी वर्मा
- प्रिय मैं हूँ एक पहेली भी / महादेवी वर्मा
- क्या नयी मेरी कहानी / महादेवी वर्मा
- मधुबेला है आज / महादेवी वर्मा
- यह पतझर मधुवन भी हो / महादेवी वर्मा
- मुस्काता संकेत भरा नभ / महादेवी वर्मा
- झरते नित लोचन मेरे हों / महादेवी वर्मा
- लाये कौन सन्देश नये घन / महादेवी वर्मा
- कहता जग दुख को प्यार न कर / महादेवी वर्मा
- मत अरुण घूँघट खोल री / महादेवी वर्मा
- जग करुण करुण / महादेवी वर्मा
- प्राणपिक प्रिय नाम रे कह / महादेवी वर्मा
- तुम दुख बन इस पथ से आना / महादेवी वर्मा
- अलि वरदान मेरे नयन / महादेवी वर्मा
- दूर घर मैं पथ से अनजान / महादेवी वर्मा
- क्या पूजा क्या अर्चन रे? / महादेवी वर्मा
- प्रिय सुधि भूले री मैं पथ भूली / महादेवी वर्मा
- जाग बेसुध जाग / महादेवी वर्मा
- लय गीत मदिर, गति ताल अमर / महादेवी वर्मा
- तुम सो जाओ मैं गाऊँ / महादेवी वर्मा
- जागो बेसुध रात नहीं यह / महादेवी वर्मा
- केवल जीवन का क्षण मेरे / महादेवी वर्मा