Last modified on 30 दिसम्बर 2007, at 11:21

आनन्द / उंगारेत्ती

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:21, 30 दिसम्बर 2007 का अवतरण (New page: {{KKGlobal}} {{KKAnooditRachna |रचनाकार=उंगारेत्ती |संग्रह=मत्स्य-परी का गीत / उंगारेत्ती }} [...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: उंगारेत्ती  » संग्रह: मत्स्य-परी का गीत
»  आनन्द


धूप की इस बाढ़ के ताप में

जलता मैं

स्वागत करता हूँ

मधुर फल जैसे इस दिन का


आज रात

विलाप करूंगा मैं

रेगिस्तान में भटकती

किसी हूक की तरह ।