Last modified on 13 अगस्त 2014, at 23:54

गन्धित मुस्कान / रमेश रंजक

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:54, 13 अगस्त 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रमेश रंजक |अनुवादक= |संग्रह=किरण क...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

अधखिसके घूँघट ने
जगा दिए
पनघट के घट

तन्वंगी कनक-छरी बाहें
बाँध गई धरती आकाश
वृक्षों की अटपटी प्रभाती
काट गई कुहरीले पाश
पहुँच गई
छुईमुई पावनता
थाल के निकट

एक गूँज भरी छेड़खानी
तोड़ गई कलियों का मान
पान रचे होंठ से फिसल कर
फैल गई गन्धित मुस्कान
झूम उठा
अन्तर का
कालिन्दी-तट वंसी-वट