स्त्रियों से छल करना सीखना चाहिए
--चाणक्य
एक रूपसी से रसकेलि करते हुए
मेरे हाथ प्यार के सिवाय कुछ न लगा
सो मैं पलट आया
मरदाने तरह से
वक़्त को अपनी जेबों में डाले
आज़ाद
मेरी कल्पना में क़ातिल कला है
ख़़ूबसूरती