Last modified on 1 सितम्बर 2014, at 14:32

गजरा / अविनाश मिश्र

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:32, 1 सितम्बर 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अविनाश मिश्र |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KK...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मैं तुम्हारे अधरों की अरुणाई नहीं
तुम्हारे नाख़ूनों पर चढ़ी गुलाबी चमक नहीं
तुम्हारे पैरों में लगा महावर नहीं
नाहक ही मैं पीछे आया
तुम्हारे केश-अरण्य में गमकता
अपनी ही सुगन्ध से अनजान
मैं तुम्हारा अन्तरंग नहीं