Last modified on 1 सितम्बर 2014, at 14:40

पायल / अविनाश मिश्र

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:40, 1 सितम्बर 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अविनाश मिश्र |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KK...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

वह शोर और दर्द जो उठ रहा था
उनसे नहीं उनके बिछड़ जाने से उठ रहा था
कितनी सूनी और कितनी अधूरी थी इस बिछुड़न में
तुम्हारी चाल
बेताल