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चल बस्ते / गिरीश पंकज

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चल-चल रे बस्ते स्कूल,
राह कहीं न जाना भूल ।

अगर ज़रा सी देर हो गई,
टीचरजी मारेंगे ‘रूल’ ।

चल-चल रे बस्ते स्कूल ।