Last modified on 3 जनवरी 2008, at 01:00

आँधी / भारत यायावर

Linaniaj (चर्चा) द्वारा परिवर्तित 01:00, 3 जनवरी 2008 का अवतरण (New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=भारत यायावर |संग्रह=मैं हूँ, यहाँ हूँ / भारत यायावर }} एक...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)


एक पगली हथिनी

दौड़ती है

मौसम की नन्हीं बच्ची को

पैरों कुचलने


बच्ची की मौत पर

आदमी का

पूरा का पूरा बदन

आँसू बहाता है


माँ कहती है

बाहर मत निकलो

बाहर ख़तरा है

ख़तरा अन्दर भी है

पंखा भी

आंधी बहाता है