Last modified on 30 सितम्बर 2014, at 22:32

जैविक ख़तरा / कुमार मुकुल

Kumar mukul (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:32, 30 सितम्बर 2014 का अवतरण (हरे टिड्डे, झिंगुर और पतंगे इनमें अाधि‍कांश का रास्ता वाहन काट जा रहे हैं)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

 
लैंपपोस्ट के ऊपर के अंधकार में
कीटों पर
झपाटे मार रहे हैं चमगादड
और पोल से लगे तार पर बैठा उल्लू
लपकने की तैयारी में है उन्हें

लैंपपोस्ट को छूती रोशनी
जहां छू रही है अंधेरे की चादर
वही एक बिल्ली चिपकी पडी है
पोस्टर सी
ओर गाडियां गुजर रही हैं ऊपर से

शायद अपना ही रास्ता
काट गयी थी बिल्ली
और उसकी हड्डियों का मलबा
समतल हो गया था सडक की खांचों में

रोशनी के साथ
कीडे भी झार रहे हें सडक पर
हरे टिड्डे, झिंगुर और पतंगे
इनमें अाधि‍कांश का रास्ता
वाहन काट जा रहे हैं
वाहनों की मार से बचता-बचाता
एक अघोरी कुत्ता
छिपकली सा
चट कर जा रहा है यह जैविक कचरा।
1995