पहाड़ियों पर बसा नगर
चेरनोवीत्ज<ref>उक्राइना रुमानिया, मल्दाविया और हंगरी की सीमा पर बसा एक छोटा-सा शहर, जहाँ एक जर्मन परिवार में कवयित्री का जन्म हुआ। आस्ट्रो-हंगरी के शासनकाल में यह शहर चेरनोवीत्ज कहलाता था। बाद में जब इस शहर पर रोमानिया का कब्ज़ा हो गया तो इसे चेरनाऊती कहा जाने लगा और फिर द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद इस शहर पर सोवियत संघ का कब्ज़ा हो गया तो इसका नाम ’चेरनोवत्सी’ रख दिया गया। आजकल यह शहर उक्राइना में शामिल है</ref>
चारों तरफ़ जंगलों से घिरा है
प्रूत<ref>क्राइना रुमानिया, मल्दाविया के इलाके से होकर बहने वाली नदी</ref> नदी के साथ-साथ
घास के हरे-भरे मैदान हैं
नदी में तैर रहे हैं बेड़े
और दिखाई दे रहे हैं नहाते हुए लोग
मई का महीना है
चारों तरफ़ बैंजनी फूलों की महक है
भौरे उड़ रहे हैं
और हवा में गूँज रही हैं
सभी चार भाषाएँ<ref>चेरनोवीत्ज के निवासी चार भाषाएँ बोलते हैं -- उक्राइनी, रूमानियाई, हंगारी और जर्मन</ref>
शान्तिपूर्वक रह रहे हैं लोग
अभी बम नहीं गिरे हैं
सुख की साँस ले रहा है मेरा शहर
रूसी भाषा से अनिल जनविजय द्वारा अनूदित