उन्माद का चरमोत्कर्ष था या कुछ और
कह पाना मुश्किल है
वे सरेआम उस औरत के शरीर से
एक-एक कपड़ा निकालकर
हवा में उछाल रहे थे
औरत कुछ देर बाद
पूरी तहर से नंगी हो चुकी थी
फिर वह सिकुड़कर बैठ गई
अपने ही हाथ-पैरों से
अपने गुप्तांग और उभारों को छिपाती हुई
उनके लिए यह बर्दाश्त से बाहर था
मूक दर्शक भीड़ की आँखों में
अब लाल डोरे खिंचने लगे थे
उनमें वे लोग भी शामिल थे
जो चौराहों पर
अश्लील फ़िल्मों के पोस्टर लगाने के विरोध में
कई बार प्रदर्शन कर चुके थे
और वे लोग भी
जिन्हें बहू बेटियों की
मर्यादा की चिन्ता सताती थी
उनकी बातों से कुछ लफंगे
कटघरे के दायरे में आते थे
ग़नीमत थी
कि वहाँ कोई फोटोग्राफ़र नहीं था
वरना उस नग्न औरत के
कई कोणों से फोटो खींचकर
अपने अख़बार की प्रसार-संख्या बढ़ाने के लिए
सम्पादक का आशीर्वाद पाता
उस औरत पर
विजातीय पुरूष से प्रेम करने का
घोर आरोप था
कलयुग के आगमन का
सीधा संकेत होने के साथ-साथ
मनु की बनाई व्यवस्था के प्रति
यह घोषित विद्रोह था
लोग अपने कथनों के धरातल पर थे
कि समाज और धर्म की मर्यादा बचाने के लिए
इस औरत को दण्ड-स्वरूप
गाँव में नंगा घुमाना ज़रूरी था