Last modified on 6 दिसम्बर 2014, at 19:23

बर्बरता / मणि मोहन

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:23, 6 दिसम्बर 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मणि मोहन |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} ...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

यह सिर्फ़
देह से शुरु होकर
देह पर ख़त्म होने वाला
मसला नहीं है --
यह किसी के मन के साथ
मनमानी है

अपनी मेडिकल-रिपोर्ट में
कभी नहीं लिखा किसी डॉक्टर ने
की अन्तरात्मा में कहीं गहरे तक
धंंसी हुई मिली उसे
कोई ज़ंग खाई कील
या फिर
किसी जूते की नोक

यह
सिर्फ देह का मसला नहीं है ।