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यही कहूंगा / केदारनाथ अग्रवाल
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फूल नहीं रंग बोलते हैं-1
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यही कहूंगा--
क्षण-प्रतिक्षण मैं यही कहूंगा :
जीत लिया सबको फूलों ने,
सबके सिर पर फूल चढ़े हैं ।