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क्यों ? / दीनदयाल शर्मा

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सूरज इतना तपता क्यों है
चन्दा इतना ठण्डा क्यों ?
तारे करें रात भर टिम-टिम
रात अन्धेरा होता क्यों ?

सूरज कहाँ चला जाता है
चन्दा रात को आ जाता
रात को हम सब सोते क्यों
नींद रात को आती क्यों ?

नींद में सपने आते क्यों
हमको बहुत ही भाते क्यों ?
आँख खुलें तो हम पाते हैं
ख़ुद को बिस्तर पर ही क्यों ?