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जुलुमी उमेरिया / चन्द्रमणि

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मोरा जुलुमी रे उमरिया खिरल नगरी
नैना तोहरो रसिलबा बड़ा रे रगरी
झूलय नाकमहक नथुनी हंसैये टिकुली
तैपर पुरिबा पवनमा उड़ाबै चुनरी।। मोरा....
गेना गुलाबक सुगन्ध अंग-अंगमे
फूलहि फुलायल सन हम छी बसतंमे
मोन चंचल चलैत धमकैये धरती
आंखि मुखियोके चकमक हिलैये पगड़ी।। नैना...
देखि-देखि छौड़ा सिनेह बरिसावै
अऽढ़ होइते हमरा ओ नोर झहराबै
आंखि बाटे करेजाके कुंज ससरी
जेना तवधल वन बरिसय सरस बदरी।। नैना ...
चानो बिसरि चाननी हमरे ताकै
योगीजी आब ध्यान हमरे लगाबै
युग जीतय ने एहन हमर दतरी
कटि कुंभक सन उझकय मनक गगरी।। नैना ....