रचनाकार: |
बंशी बजाके श्यामने दिवाना कर दिया
अपनी निगाहें नाज़से........२ मस्ताना कर दिया .
जबसे दिखाई श्यामने वो सा.म्वरी सुरतिया........२
वो सा.म्वरी सुरतिया वो मोहनी मूरतिया........२
खुद बनगये शमा मुझे परवाना कर दिया
बंशी बजाके श्यामने दिवाना कर दिया
बांकी अदासे देखा मन हरन श्यामने.....२
मन हरन श्यामने सखी चित चोर श्यामने....२
इस दिन दुनियासे मुझे बेगाना कर दिया....२
बंशी बजाके श्यामने दिवाना कर दिया
अपनी निगाहें नाज़से........२ मस्ताना कर दिया .