जग ने कैसा मुझको बना दिया।
सबके जैसा मुझको बना दिया।
नफ़रत की थी जिस से जीवन भर,
रब ने वैसा मुझको बना दिया।
गा गाकर सबने इसकी महिमा,
केवल पैसा मुझको बना दिया।
भूल हुई दुनिया से तो भुगते,
क्योंकर ऐसा मुझको बना दिया।
मान ख़ुदा लूँगा उसको जिसने,
मेरे जैसा मुझको बना दिया।