Last modified on 30 अप्रैल 2015, at 15:16

छैकड़लै दिन आ दुनिया / मालचंद तिवाड़ी

सशुल्क योगदानकर्ता ३ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:16, 30 अप्रैल 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मालचंद तिवाड़ी |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} {{KKCa...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

कविता हुवैला-
छे’लो रूंख।

प्रीत रा मरूथळां
निपजैला कोरी प्रीत।
चिड़कल्यां लेवैला फेरूं बासो
रूंख री रेसमी छियां।

पेलै दिन रै ढाळै
छैकड़लै दिन आ दुनिया-
पाछी थारी-म्हारी हुवैला