Last modified on 30 अप्रैल 2015, at 22:33

मेहां रै पछै / निशान्त

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:33, 30 अप्रैल 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=निशान्त |संग्रह=धंवर पछै सूरज / नि...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मेहां रै पछै
रूंख
लदीजग्या है
पŸाां-फूलां सूं

खेत भरीजग्या है
लीली छम फसलां सूं

बै ’वण लाग्यौ है
ठण्डो बायरो

आभै सूं टपकण लाग्यौ है
इमरत-सो

हां ! इस्यै
ठण्डै-मीठै
दिनां वास्तै ई तो
सयौ हो
जेठ रो
तातो तावड़ो

लाय-सी लगांवणौ
बायरो।