बिरखा री रूत रा
अै आखरी दिन
दिन नीं
किरसै री किसमस रा लिखारा है
जे अै चावै तो
लिख द्यै
हंसी-खुसी
नीं तो
गम ई गम
आं दिनां री बिरखा
दो फसलां पकावै
पा अै तो
खाली जावै
दिन नीं
किरसै री रगां रो
सत जावै।
बिरखा री रूत रा
अै आखरी दिन
दिन नीं
किरसै री किसमस रा लिखारा है
जे अै चावै तो
लिख द्यै
हंसी-खुसी
नीं तो
गम ई गम
आं दिनां री बिरखा
दो फसलां पकावै
पा अै तो
खाली जावै
दिन नीं
किरसै री रगां रो
सत जावै।