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म्हैं अर किसान / निशान्त

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म्हैं तो
बरसात नै इयां चावूं
कै
थोड़ी ठंड बापरज्यै
पण किसान तो
खेत बीजणो चावै
ठंड रो के
ठंड तो इयां ई बापर ज्यासी
होळै-होळै ।