Last modified on 9 मई 2015, at 15:13

बादळ / निशान्त

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:13, 9 मई 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=निशान्त |अनुवादक= |संग्रह=आसोज मा...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

उठै जीं समंदर स्यूं
सौराई सारू
बरसै नीं सिरफ
बीं रै
आळै-दुआळै ई
पैंडो कर‘र
पूगै
दूर -दराज रै
तिस्सै
इलाकां तांई भी
कित्तो ख्याल राखै
बै
लेरै रेयोड़ा रो ।