Last modified on 9 मई 2015, at 16:12

ठरको / निशान्त

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:12, 9 मई 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=निशान्त |अनुवादक= |संग्रह=आसोज मा...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

दाणां कढतां ई
आया है
नूंई-नकोर जीप मांय चढ’र
पळकतै
भगवां गाभाळां
पांच-सात मोड
जाणै कोई राज रा अैलकार
आया हुवै
‘लगान-वसूली’ सारू ।