Last modified on 9 मई 2015, at 16:35

कूटळो चुगण आळा / निशान्त

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:35, 9 मई 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=निशान्त |अनुवादक= |संग्रह=आसोज मा...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

कूटळो चुगण आळा
घरां स्यूं
कूटळो नीं मांगै
स्यात बै इत्ती
समझ राखै कै
जे कुटळो मांग्यो तो
घर आळा काठा होज्यैगा
ईं वास्तै बै सदां
कचरो गळी स्यूं ई चुगै
भलांई कूटळो
गळी तांई आंवतो-आंवतो
अर गळी में पड़्यो-पड़्यो
कित्तोई
छीज्यै ।