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जीवण-रंग (2) / निशान्त

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कच्चै रा’ माथै
मोटर साइकल सांमी
रेवड़ आयग्यो तो म्हैं
नाक भींचली ‘ओ ! ...हो....!’
मोटरसाइकल चलांवतै
बण होळैसी कैयो
‘कोई बात नीं
ओ बी
जीवण रो रंग-अंग है ’ ।