गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Last modified on 8 जुलाई 2015, at 12:43
पता / रामदरश मिश्र
Dkspoet
(
चर्चा
|
योगदान
)
द्वारा परिवर्तित 12:43, 8 जुलाई 2015 का अवतरण
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रामदरश मिश्र |संग्रह=दिन एक नदी ब...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
हिन्दी/उर्दू
अंगिका
अवधी
गुजराती
नेपाली
भोजपुरी
मैथिली
राजस्थानी
हरियाणवी
अन्य भाषाएँ
रामदरश मिश्र
»
दिन एक नदी बन गया
»
Script
Devanagari
Roman
Gujarati
Gurmukhi
Bangla
Diacritic Roman
IPA
चारों ओर काँटों का जंगल है
और भीतर कहीं
एक डरी हुई लता है।
जाओ, चले जाओ
यही उसके घर का पता है।