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हो सके तो मुझे भुला देना / सिया सचदेव

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हो सके तो मुझे भुला देना
तेरी यादों ने जब भी आ घेरा
दिल पे ग़म ने लगा लिया डेरा
अश्क़ आँखों से यूँ बरसते है
रोज़ हम एक मौत मरते है

टीस दिल में उतर सी जाती है
रूह मेरी सिहर सी जाती है
इस क़दर दम सा घुटने लगता है
और दिल में धुवाँ सा उठता है

तल्ख़ बाते जो दिल जलाती है
मेरी सांसे उखड सी जाती है
थरथराने लगे बदन मेरा