Last modified on 28 सितम्बर 2015, at 07:24

उल्टा अखबार / विष्णुकांत पांडेय

Anupama Pathak (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 07:24, 28 सितम्बर 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=विष्णुकांत पांडेय |अनुवादक= |संग्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

गदहे ने अखबार उलटकर
नजर एक दौड़ाई,
बोला-गाड़ी उलट गई है
गजब हो गया भाई।
बंदर हँसकर बोला-देखो,
उल्टा है अखबार,
इसीलिए उलटी दिखती है
सीधी मोटर कार!