Last modified on 4 अक्टूबर 2015, at 01:26

खटपट-खटपट / गोपीचंद श्रीनागर

Anupama Pathak (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 01:26, 4 अक्टूबर 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=गोपीचंद श्रीनागर |अनुवादक= |संग्र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

कोयल दीदी
खाकर गाती-
मीठे, मीठे आम रे!
गिल्लो रानी
कुटकुट खाती
बैठी ले बादाम रे।
गौरैया जी
बैठ डाल पर
करती हैं आराम रे।
सूरज दादा
लौट चले हैं
ढल जाती जब शाम रे।
खेल-कूदकर
हम भी चल दें
अपने-अपने काम रे।
मीठी मम्मी
घर में करती
खटपट-खटपट काम रे।
डगमग-डगमग
बाबा चलते
पकड़ लकड़िया थाम रे।
आँख मूँदकर
मेरी दादी
लेती हरि का नाम रे।

-साभार: नंदन, दिसंबर, 1996, 30